म्यूच्युअल फंड स्कीम कई तरह की होती है, जिनके अपने नियम और निवेश के तरिके होते है। म्यूच्युअल फंड स्कीम अलग-अलग लक्ष्य के आधार पर चुने जाते है। डेब्ट म्यूच्युअल फंड स्कीम इन्ही स्कीम मे से एक है। यह स्कीम अन्य स्किम की तुलना मे बहुत कम जोखिम वाली होती है। आइये जानते है debt fund (डेब्ट फंड) क्या है? डेब्ट फंड के क्या फायदे है?
Debt fund (डेब्ट फंड) क्या है ?
डेब्ट फंड वह म्यूच्युअल फंड होते है जो कि निश्चित आय वाले उपकरण (इंस्ट्रुमेंट) मे निवेश करते है। यह इंस्ट्रुमेंट सरकारी बांड, कारर्पोरेट डेट सेक्योरिटी और मुद्रा बाजर के उपकरण होते है। डेब्ट फंड को आय फंड या बांड फंड भी कहा जाता है। डेब्ट फंड इक्विटी फंड से कम जोखिम भरे होते है। इसमे पारंपरिक निवेश के मुकाबले थोडा ज्यादा रिर्टन मिल जाता है। इस लिये जो लोग बैंक मे फिक्स डिपाजीट या अन्य सेविंग को चुनना चाहते है उनके लिये यह अच्छा साबित हो सकता है.
Debt fund (डेब्ट फंड) के क्या फायदे है?
म्यूच्युअल फंड मे सभी लोग निवेश करना चाहते है परंतु उसके फायदो के बारे मे पता नही होने से हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है। और निवेशक दुविधा मे होता है कि किस स्कीम मे निवेश करे। अइये जानते है डेब्ट म्यूच्युअल फंड के फायदे जिससे आपको निवेश मे आसानी होगी ओर आप अपनेने निवेश के लक्ष्य के अनुसार निवेश कर पायेगें.
निवेश में विविधता (Diversification in Investment)
डेब्ट म्यूच्युअल फंड अलग-अलग सिक्योरिटी मे निवेश करते है जिससे की आपको डायवर्सीफिकेशन मिलता है और आपके द्वारा किया गया निवेश अधिक सुरक्षित होता है। डेब्ट म्यूच्युअल फंड मे कई सारी स्कीम होती है जिसमे आप कम से कम 500 रुपये से या इससे अधिक से निवेश कर सकते है। अलग-अलग स्कीम मे निवेश के भिन्न-भिन्न प्लान होते है। जिनका लाभ निवेशक ले सकते है.
कम जोखिम (low risk)
डेट फंड मे किया गया निवेश अलग-अलग प्रकार के इंस्ट्रुमेट मे किया जाता है जैसे की सरकारी बांड, कारर्पोरेट डेट सेक्योरिटी और मुद्रा बाजर आदि। इन सभी इंस्ट्रुमेट मे एक निश्चित आया होती है और ये काफी ज्यादा सुरक्षित होते है। इसी कारण अधिकांश निवेशको की पंसंद डेब्ट फंड होते है.
फण्ड मैनेजर की उचित सलाह (Fund Manager’s Advise)
फंड मेनेजर वह व्यक्ति होते है जो वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञ होते है और उनके पास काफी अनुभवी और प्रशिक्षित टिम होती है जो निवेश के पुर्ण सही सलाह और निर्णय लेने मे मदद करते है। एक सामान्य व्यक्ति के लिये यह काफी मुश्किल हो सकता है। यहां पर फंड मेनेजर आपको सभी प्रकार से ज्ञाइड करते हे.
आय कर में लाभ (Tax Benefit)
डेब्ट फंड मे किया गया निवेश डेट इंस्टु्रमेंट मे किया जाता है जो टैक्स फ्रि होता है। परंतु इस फंड पर जो लाभ मिलता है उसमे भी आपको टैक्स मे छुट मिलती है.
निवेश करने में आसानी (Easy to Invest)
डेब्ट फंड मे आसानी से निवेश किया जा सकता है। निवेश करने के लिये सिधे फंड हाउस की वेब साईट पर जाकर या म्यूच्युअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के द्वारा सिधे निवेश कर सकते है। और यदि आप वापस जरुरत पडने पर पैसा वापस निकालना है तो मात्र 3 कार्य दिवस मे आप अपना पैसा वापस निकाल सकते है.
तरलता (Liquidity)
यह फंड आपको काफी ज्यादा तरलता प्रदान करता है। इस प्रकार के फंड मे आप जहां 500 रुपये के SIP से निवेश कर सकते है वहीं आप यहां पैसा 3 कार्य दिवस मे निकाल भी सकते है। जिससे की एमरजेंसी मे आप आसानी से पेसे की जरुरतो को पुरा कर सके.
पारदर्शी व्यवस्था (Transparency)
डेब्ट म्यूच्युअल फंड एक पारदर्शी फंड है जिसे सेबी द्वारा रेगुलेट किया जाता है। समय – समय पर यह फंड अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करती रहती है। साथ ही निवेशक हर समय अपने निवेश पर आनलाइन नजर रख सकते है.
डेब्ट फण्ड के प्रकार (Types of Debt Funds)
अन्य म्यूच्युअल फंड की तरह ही डेट फंड के की अलग-अलग प्रकार है जो निवेश के अधार पर एक दुसरे से भिन्न है. डेब्ट फण्ड के प्रकार (Types of Debt Funds) निम्नलिखित है
डायनामिक बांड फण्ड (Dynamic Bond Fund)
यह फण्ड बदलती हुई ब्याज दरो के अनुसार अपने पोर्टफोलियो मे परिवर्तन करता रहता है। ताकि निवेशक को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इस फंड का मेच्योरिटी का समय ब्याज दर के आधार पर बदलता रहता है। इसका पोर्टफोलियो अस्थिर रहता है.
इनकम फण्ड (Income Fund)
इनकम फंड ब्याज दर के आधार पर अपना पोर्टफोलियो बनाते है और इस प्रकार के फंड की मेच्योरिटी अवधी अधिक होती है। यह डायनामिक फंड की तुलना स्थिर पोर्टफोलियो वाला होता है.
लिक्विड फण्ड (Liquid Fund)
लिक्विड फंड को मनी मार्केट फंड भी कहा जाता है। इस फंड का अधिकांश हिस्सा कम समय के लिये निवेश किया जाता है जिससे की अधिक लिक्विडीटी मिल सके। यह फंड सेविंग अकाउंट से बेहतर निर्टन दे ता है जिससे कई लोगो की पहली पंसद यह फंड होता है.
गिल्ट फण्ड (Gilt Fund)
इस प्रकार के फंड का अधिकांश हिस्सा सरकारी बांड मे निवेश किया जाता है जिससे की एक निश्चित आय बनी रहे। इस फंड मे जोखिम ना के बराबर होता है। गिल्ट फंड ऐसे निवेशको के लिये एक आदर्श फंड हो सकता है जो जोखिम बिल्कुल नही चाहते है और कम रिर्टन मे भी संतुष्ट रहते है। इसे अन्य सभी फंड के मुकाबले सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि सरकार अधिकांशतः डिफाल्टर नही होती है.
फिक्स्ड मेच्योरिटी फण्ड (Fixed Maturity Fund)
फिक्स्ड मेच्योरिटी फंड को फिक्स डिपाजिट की तरह ही माना जा सकता है। क्योकि इसमे लाक इन पिरियड होता है जिससे की निवेशक द्वारा किया गया निवेश का पैसा उस समय के पहले नही निकाला जा सकता है। यह फंड लांगटर्म निवेशको के लिये अच्छा है जिन्हे बिच मे पेसे फंड से निकालने की आवश्यकता नही होती है। इसमे फिक्स डिपाजीट की तरह ही टैक्स मे छुट मिलती है.
क्रेडिट अर्पोचुनिटी फंड्स (Credit Opportunity Fund)
इस फंड मे क्रेडिट रिस्क के हिसाब से निवेश किया जाता है इस फंड मे ऐसे इंस्ट्रुमेंट मे निवेश किया जाता है जिसकी ब्याज दर अधिक हो। इस फंड मे निवेशक को काफी अच्छा रिर्टन मिल जाता है। पंरतु इस फंड मे रिस्क अधिक होता है.
कुछ अच्छे Debt Fund
अच्छा डेट फंड कैसे चुने (How to choose a good debt fund)
डेट फंड ( debt fund) को चुनने से पहले वित्तीय लक्ष्य को जरुर तय करना चाहीये। डेट फंड चुनते समय कुछ महत्वपूर्ण बातो का ध्यान रखना आवश्यक है जो इस प्रकार है-
- निवेश के पहले यह जान ले की आप जिस फंड मे निवेश कर रहे है उस फंड की ब्याज दर कितनी है.
- फंड की मेच्योरिटी अवधी को जानना भी बहुत महत्वपुर्ण है क्योकि आज जिस उद्देश्य से जिस समय अवधी के लिये निवेश कर रहे है वह फंड से मिलती है या नही.
- फंड का मार्केट वेल्यु क्या है उस फंड का ए यु एम एसेट अंडर मेनेजमेंट जानना भी जरुरी है.
- फंड के एग्जिट लोड के बारे मे आपको पता होना चाहीये। क्या फंड समय से पहले बाहर आने पर कोई अतिरिक्त चार्ज तो नही कर रहा.
- फंड का एक्सपेंशन रेशो क्या है.
- फंड मेच्योर होने पर उसके लाभ पर कितना टैक्स लगने वाला है, यह जानना भी जरुरी है.
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