शेयर (Share) का अर्थ होता है टुकडा या हिस्सा। किसी भी कम्पनि में किसी व्यक्ति द्वारा शेयर खरिदने का अर्थ होता है वह व्यक्ति उस कंपनी का हिस्सेदार है, व्यक्ति अपने खरिदे गये शेयर के हिसाब से उस कंपनी का हिस्सेदार होता है। मान लिजिये किसी कंपनी में 100 शेयर जारी किये, इसका मतलब उस कंपनी मे शेयर बाजार मे अपने 100 प्रतिशत शेयर उतारे। अव कोई व्यक्ति इन शयर मे से यदि 10 शेयर खरिद लेता है तो वह उस कंपनी का 10 प्रतिशत का हिस्सेदार हो जाता है।
शेयर क्यो जारी किये जाते है?
कोई भी कंपनी अपना व्यापार बडाने और उसे विस्तृत करने के लिये शेयर जारी करती है जिसमें वह शेयर के बदले अपने शेयर धारको से पैसा लेती है। जिसे वह व्यापार बडाने में लगाती है। जब कोई कंपनी अपने सुरुआत के शेयर आम शेयर धारको के लिये बाजार में उतारती है तो उसे IPO(Initial public offering)कहते है।
जब कंपनी का व्यापार बडता है तो शेयर की किमत भी बडती है जिससे की शेयर धारको को फायदा होता है। शेयर धारक अपने शेयर कभी भी अच्छे दाम मिलने पर अपने शेयर स्टाॅक एक्सचेंज पर बैच सकता है और अपना पैसा वापस ले सकता है। शेयर धारक जब तक किसी कंपनी के शेयर अपने पास रखता है तब तक वह कंपनी से मिलने वाले डिवीडेंट (Dividend) का हिस्सेदार होता है।
शेयर कितने प्रकार के होते है?
शेयर कई प्रकार के होते है उनकी अपनी विशेषता होती है। परंतु सामान्यतः शेयर दो प्रकार के होते है इक्विटी शेयर और प्रिफरेन्स शेयर Equity शेयर को आर्डिनरी शेयर भी कहा जाता है। आप अपनी आवश्यकता अनुसार उनका चयन कर सकते है और उन्हे खरीद सकते है ओर बेच सकते है।
इकवीटी ( Equity) शेयर या साधारण शेयर Ordinary share
Equity शेयर वह शेयर होते है जो शेयर धारक सिधे स्टाक एक्सचेंज (Stock Exchange) से खरीदता है। इस प्रकार के शेयर धारक सिधे कंपनी के फायदे या नुकसान से सम्बंध रखते है जब शेयर की किमत बडती है या घटती है तो शेयर धारको को भी फायदा नुकसान होता है। इक्विटी शेयर धारक को कम्पनी की जनरल मिटींग मे हिस्सा लेने व वोट देने का अधिकार होता है।
प्रिफिरेंसशेयर
प्रिफिरेंस शेयर वे शेयर होते है जो कि कम्पनी कुछ गिने चुने निवेशको को प्रमोटर को और दोस्ताना निवेशक को जारी करती है। प्रिफिरेंस शेयर की किमत इक्विटी शेयर से अलग हो सकती है। इन्है जनरल मिटींग मे वोट देने का अधिकार नही होता है और इन्हे समय – समय पर कम्पनी के लाभ के अनुसार डिवीडेन्ट मिलता रहता है। प्रिफिरेंस शेयर धारक को कम्पनी के लाभ में से सबसे पहले हिस्सा दिया जाता है। लाभ के नजरिये से प्रिफिरेंस शेयर तीन प्रकार के होते है
1. असंचयी अधिमानित शेयर (Non cumulative preference share ) यदि कोई कम्पनी किसी वर्ष लाभ नही कमाती है तो इस प्रकार के शेयर धारक को उस वर्ष लाभ पाने का अधिकार नही होता है ना ही वह आने वाले साल मे पिछले साल के लाभ के लिये दावा कर सकता है।
2. संचयी अधिमानित शेयर (Cumulative preference share )- यदि कोई कम्पनी किसी वर्ष लाभ नही कमाती है तो इस प्रकार के शेयर धारक को उस वर्ष लाभ प्राप्त नही होता है परंतु वह अगले वर्ष दोनो वर्ष के लाभ के लिये दावा कर सकता है।
3. विमाचनशिल अधिमानीत शेयर (Redeem Cumulative preference share )- इस प्रकार के शेयर धारक कम्पनी के काल्पनिक या यु कहे कि कम्पनी को एक निश्चित समय के लिये पुंजी देते है और कम्पनी उन्हे तय किये गये समय अनुसार उनकी पुंजी डिवीडेन्ट के साथ लोटा देती है।
4. परिर्वतनशिल अधिमानीत शेयर (Convertible preference share )- इस प्रकार के शेयर एक निश्चित समय के बाद कम्पनी किसी वित्तीय इंस्टु्रमेन्ट मे बदल देती है ओर यह कम्पनी से अलग हो जाते है।
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