एक निवेशक अपने जीवन की बहुमूल्य पूंजी (beneficial capital) संभाल कर रखता है। जो वह एक अच्छा रिटर्न पाने के लिए शेयर बाजार में लगाना चाहता है, परंतु सही तरीका पता ना होने के कारण निवेश में कई सारी दिक्कत आ सकती है। शेयर मार्केट में जहां अपार धन है वही यहां पर रिस्क (threat) भी उतना ही है।
यदि निवेशक एक निवेश का तरीका जानता है और वह उसे फॉलो करता है तो निवेशक यहां से अच्छा पैसा मिल सकता है। निवेशक को निवेश करने से पहले कई सारे पहलु जैसे शेयर का तकनीकी विश्लेषण उसका फंडामेंटल एनालिसिस (elementary evaluation) और कई सारी बेसिक चीजें जानना जरूरी है। जो कि हम आगे जानेंगे।
निवेश की प्रक्रिया को समझना(Understanding the funding course of)
जब भी आप निवेश करें तो आपको यह समझना होगा कि आप किस प्रकार के शेयर में निवेश करना चाहते हैं। जिसके लिए आपको एक प्लानिंग (planning) करना होगी, साथ ही में वह शेयर आप कब खरीदना चाहते हैं। उसके लिए सही समय का चुनाव और आप उस शेयर से कितना धन कमाना चाहते हैं वह भी लक्ष्य तय करना होगा।
शेयर में निवेश करने के लिए आपको अपने लक्ष्य जैसे कि आप किसी विशेष प्रयोजन के लिए निवेश कर रहे हैं, या केवल संपत्ति बढ़ाने के लिए निवेश कर रहे हैं। यदि आप विशेष प्रयोजन जैसे कि आपके रिटायरमेंट (retirement) या आपके बच्चों की शिक्षा , उनकी शादी, घर बनाना या कोई और प्रायोजन हे तो आपको शेयर में उस समय सीमा के अनुसार निवेश करना चाहिए और यदि आप धन को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको एक लंबा निवेश करना चाहिए।
अपनी वित्तीय स्थिति को समझें (Perceive your monetary scenario)
निवेश करने से पहले आप अपने सभी वित्तीय स्थितियों (monetary situations) का आकलन कर ले। और उसके बाद अपने बचत के पैसों में से कुछ हिस्सा शेयर मार्केट में लगाएं। और उसका टाइम निश्चित करें जिससे कि आपको किए गए निवेश के अनुसार और आप के जोखिम (threat) के अनुसार रिटर्न प्राप्त हो सके।
यदि आपके पास अत्यधिक धन तो आप एक शॉर्ट टर्म आक्रमक (quick time period aggressive) नजरिया अपना सकते हैं। और यदि आप जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो और आपके पास धन कम हैं तो आप एक लोंग टर्म (long run) नजरिया अपनाते हैं।
जोखिम उठाने की क्षमता (Danger urge for food)
निवेश करने से पहले आप अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करें क्योंकि शेयर बाजार में काफी ज्यादा उथल-पुथल (volatility) होती रहती है। जो आपकी रातों की नींद उड़ा सकता है। यदि आपके पास काफी अच्छा धन है और आपकी आमदनी भी उसी के अनुसार है।
तो आप सीधे निवेश कर सकते हैं । और यदि आपके पास धन कम है और आप जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। तो आपको सिक्योरिटी बॉन्ड और म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहिए जिससे कि आपका धन सुरक्षित रहता है।
महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न वाले शेयर में निवेश करें (Put money into shares with increased returns than inflation)
जब भी आप मार्केट में निवेश करते हैं तो यहां आपके निवेश के समय का काफी महत्वपूर्ण है रोल होता है। यदि आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको यह देखना होगा कि आपने जिन शेयरों में निवेश किया है। यहां पे क्या वे महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न दे रहे हैं या नहीं ।
यदि वे शेयर महंगाई दर से कम रिटर्न देते हैं तो आपको यहां से काफी नुकसान होता है। क्योंकि आपको यहां पर आपके ब्रोकर (Dealer) को कमीशन भी देना है और जो रिटर्न आप कमाएंगे उस पर आपको टैक्स (tax) भी भरना है। तो कहीं ऐसा ना हो कि आपने अपनी बचत के पैसों को टैक्स और कमीशन में दे। इसलिए आपको ऐसे शेयर चुन्ना होंगे जो आपको महंगाई दर से ज्यादा का रिटर्न दे।
परिसंपत्तियों का बंटवारा (Asset allocation)
निवेशक को अपनी परिसंपत्ति का बटवारा करना (Asset allocation) चाहिए जिससे कि वह कम जोखिम पर अधिक लाभ कमा सकें। परिसंपत्ति के बंटवारे (Asset allocation) का अर्थ है आपके पैसों को विभिन्न शेयर, डिवेंचर, बॉन्ड, म्यूच्यूअल फंड (Shares, Debentures, Bonds, Mutual Funds) आदि में निवेश करना है। इससे आप अपने पैसे को ज्यादा सुरक्षित रख सकेंगे और रिटर्न भी अच्छा पा सकेंगे।
संतुलित पोर्टफोलियो (Balanced portfolio)
जब भी निवेश करें तो अपने पोर्टफोलियो (portfolio) को एक डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो बनाकर रखें । और लॉन्ग टर्म (long run) का नजरिया रखें । इसमें आप इस प्रकार से निवेश कर सकते हैं, 50% म्यूचुअल फंड में निवेश, 30 से 35% ग्रोथ शेयर में निवेश और 20% शॉर्ट टर्म शेयर में निवेश। इससे आपका बैलेंस (stability) बना रहता है और यह शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म में आपको पैसा देता रहता है।
आक्रामक पोर्टफोलियो (Aggressive portfolio)
यदि आप ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं और आप ज्यादा धन कमाना चाहते हैं। तो आप आक्रामक पोर्टफोलियो (aggressive portfolio) बना सकते हैं । जिसमें आपको जोखिम के साथ में एक अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना होती है। इसमें आप 60% शेयर में निवेश, 20% शॉर्ट टर्म शेयर में निवेश, और 20% सिक्योरिटी,बॉन्ड या म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
कंजरवेटिव पोर्टफोलियो (Conservative portfolio)
यह एक मिलाजुला परंपरा वादी (traditionalist) पोर्टफोलियो होता है। जिसमें के सभी प्रकार के इंस्ट्रूमेंट में लगभग समान मात्रा में निवेश किया जाता है। इसमें इसमें निवेश करने का मुख्य उद्देश्य एक निश्चित समय के बाद कुछ रेगुलर आमदनी कमना होता है। इसमें जोखिम बहुत कम होता है।
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