Short Selling क्या है? Short Selling से कैसे पैसा कमाये? |What is Short Selling

Jul 23, 2021
Short Selling क्या हैShort Selling क्या है

शेयर बाजार मे शार्ट सेलिंग कई ट्रेडर की पसंद है। जब बाजार गिरता है तो ऐसे लोग यहां से भी पैसा कमा लेते है। आपने अक्सर सुना होगा की शेयर को कम दाम मे खरिद कर उसे उसे दाम मे बेच देना चाहीये परंतु यह धारणा उपर चढते हुवे बाजार मे कारगर होती है। लेकिन जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते है वे गिरते हुवे बाजार से भी पैसा कमा लेते है।

Brief Promoting क्या है?

जब किसी शेयर का भाव गिरता है और ट्रेडर को लगता है कि वह और गिर सकता है तो वह ट्रेडर अपने ब्रोकर से शेयर उधार ले लेता है और जब उसका मुल्य ओर गिर जाता है तो वह उस शेयर को खरिद कर वापस अपने ब्रोकर को दे देता है। अर्थात कोई शेयर निचे गिरने लगता है और ट्रेडर उसे बेच देता है ओर जब उसका भाव ओर गिर जाता है तो ट्रेडर कम दाम मे खरिद कर अपने ब्रोकर को वापस दे देता है। यहां पर पहले शेयर को बेचा जाता है बाद मे खरिदा जाता है। इसे ही शार्ट सेलिंग कहते है।

उदाहरण – मान लीजिये आपको लगता हैं की RIL बैंक के शेयर की प्राइस नीचे ओर जाने वाली हैं। अब आप इस अवसर का फायदा उठाने के लिए RIL बैंक के 1000 शेयर्स ₹100 में बेच दिए।

यहाँ वास्तविक रूप में RIL बैंक के शेयर्स का holding आपके पास नहीं था। ये शेयर्स आपने अपने ब्रोकर से उधार लेकर अपनी पोजीशन quick की हैं।

आपकी Whole Sale worth – 1000 × ₹100 =  ₹1 लाख

कुछ समय बाद RIL बैंक के एक शेयर का मूल्य ₹100 से गिरकर ₹90 हो जाता हैं। अब आप अपने 1000 share ₹90 के भाव में खरीद लेते हैं।

आपकी कुल Shopping for worth – 1000 × ₹90 =  ₹90,000

आपने share को ₹1 लाख में बेचा जबकि ₹90,000 में ख़रीदा। इसमें आपको कुल ₹10,000 का प्रॉफिट हुआ।

Brief Promoting के  Options

  • ट्रेडर इस उम्मीद से शेयर को शॉर्ट करता हैं की शेयर के मूल्य में गिरावट आयेगी।
  • Brief Promote में ट्रेडर को फायदा और नुकसान दोनों हो सकता हैं।
  • इसमें प्रॉफिट तभी होता हैं ,जब शेयर का भाव आपके द्वारा बेचे गये भाव से कम हो
  • Brief Promoting को किसी भी ट्रेडर द्वारा किया जा सकता हैं।
  • ट्रेडर द्वारा शार्ट सेलिंग की जा रही है यह उसे सोदा करते समय बताना होता है।

शॉर्ट सेलिंग  के फायदे

शेयर मार्केट ट्रेडिंग में शॉर्ट सेलिंग के कुछ है जो इस प्रकार है –

  1. मार्केट में लिक्विडिटी प्रदान करता है.
  2. अधिकतर स्टॉक वैल्यू सुधार में मदद करता है.
  3. ट्रेडर, बेयरिश (गिरते हुवे) मार्केट में भी पैसा कमा सकते हैं.
  4. मार्जिन पर पोजीशन ली जा सकती हैं.
  5. शेयर को बेहतर कीमत पर बेचा जा सकता है जिससे लाभ होता है.
Short Selling क्या है

शॉर्ट सेलिंग के नुकसान 

शेयर बाजार मे हर प्रकार की ट्रेडिंग के फायदे है तो नुकसान भी है ऐसे ही शार्ट सेलिंग मे भी कुछ नुकसान है –

  1. शॉर्ट सेलिंग निवेशक को असिमित जोखिम देती है। यदि शेयर की कीमत बढ़ती है, तो ट्रेडर को भारी नुकसान होता है।
  2. यह शेयरों की कीमतों की अस्थिरता को बढ़ाता है।
  3. कंपनी के शेयर कीमत को प्रभावित करता है।
  4. पुरे मार्केट में अस्थिरता का कारण बनता है।
  5. फ्रॉड ट्रेडिंग तकनीकों और धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

शॉर्ट सेलिंग में रिस्क

यदि आप शॉर्ट सेलिंग से अधिक पैसा कमाना चाहते हैं, तो, रिस्क का स्तर अधिक हो सकता है. शॉर्ट सेलिंग में कुछ रिस्क भी शामिल हैं जो इस प्रकार हैं-

यहाँ आप सामान्य मार्केट की मोमेंटम के विपरीत शर्त लगा रहे हैं. इस प्रकार,  आपको शॉर्टिंग के लिए स्टॉक का पता लगाने वाली रिसर्च का पता होना चाहिए.

यदि मार्केट आपकी उम्मीदों के उलट जाता है, तो आपकी हानि क्षमता असीमित है. इसके अलावा, यदि आपके ट्रेडिंग खाते में उतना पैसा नहीं है, तो आप वास्तव में जो भुगतान करने वाले हैं, उसके टॉप पर बहुत अधिक भुगतान करने के लिए तैयार हैं.

आम तौर पर, ये शॉर्ट टर्म ट्रेड होते हैं और रिसर्च की एक मात्रा की आवश्यकता होती है और इस प्रकार मानसिक रूप से बहुत अधिक  मजबुत होना होता है.

ज्यादातर बार ट्रेड मे संभावित लाभ काफी सीमित होता है और ट्रेडिंग के अन्य रूप हैं जिन्हें आप इस्तेमाल कर सकते हैं जो अपेक्षाकृत कम जोखिम पर आते हैं.

शॉर्ट सेलिंग की रणनीति

  • जब भी एक ट्रेडर शार्ट सेल करता है तो वह कुछ प्रमाणित शार्ट सेल की रणनीतियों को अपनाता है आइये जानते है ये रणनीतियां क्या है
  • एक अच्छा ट्रेडर बुल मार्केट मे कभी शार्ट सेल नही करता है वह मार्केट के गिरने का इंतजार करता है। अधिकांश शार्ट सेल बेयरिश मार्केट मे होती है।
  • शार्ट सेल करने के पूर्व एक ट्रेडर बडे स्टाक पर नजर रखता है, क्योकी जब मार्केट गिरने वाला होता है तो बडे स्टाक इसका संकेत दे देते है। जिसका प्रभाव पुरे मार्केट पर पढता है।
  • शार्ट सेल करते समय स्टॉप लॉस और टारगेट प्राइस को तय करना और इन्हे लगाना बहुत जरुरी है।
  • हमेशा ध्यान रखे कम बिकने वाले स्टाक मे कभी ट्रेड ना ले, क्योकी यह आपको अनिश्चित नुकसान दे सकती है। हमेशा जोखिम का ध्यान रखे।

यह भी पढे- कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है? (what is candlestick pattern?) कैंडलस्टिक पैटर्न के प्रकार

मूविंग एवरेज क्या है (what is moving average)

ट्रेडिंग वॉल्यूम(trading volume) क्या है इसका विश्लेषण (analysis) कैसे किया जाता है