शेयर बाजार एक खजाना है जिसकी चाबी हर किसी के पास नहीं है। जो शेयर बाजार को समझ गया वही यहां से पैसा कमा कर निकलता है । जहां एक और शेयर बाजार में अपार धन है । वहीं दूसरी ओर जो इसे नहीं समझता वह सब कुछ डुबोकर खत्म हो जाता है । शेयर बाजार में सफल होने के लिए कुछ ऐसे ही नियम होते हैं जिनको अच्छी तरीके से समझ लिया जाए तो वह आपको शेयर मार्केट में सफलता दिला सकते है ।
शेयर मार्केट मैं भी आपको मेहनत, धैर्य, और ज्ञान से काम लेना चाहीये । शेयर मार्केट में परिस्थितियां बदलती रहती हैं । और यहां पर समय के अनुसार अपनी निवेश की रणनीतियों में भी परिवर्तन करना काफी ज्यादा जरूरी है। एक अच्छे निवेशक को fundamental analysis के सांथ कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह शेयर मार्केट में सफल हो सकता है।
दीर्घकालीन निवेश (Long term investment)
जब भी आप निवेश करने की सोचे तो आपका नजरिया लंबे समय के लिए होना चाहिए ना की कुछ दिनों का । शेयर बाजार में कई सारी उठा पटक होती रहती हैं । जोकि अफवाह, गलत जानकारी, ग्लोबल कारक, पॉलीटिकल इश्यू आदि के कारण होती है । वारेन बफेट एक निवेश करने से पहले नजरिया दीर्घकालिक रखते हैं । क्योंकि लंबे समय में अच्छी कंपनियां काफी ज्यादा रिटर्न देती है।
जिससे कि व्यक्ति के जीवन में काफी धन कमाया जा सकता है । वारेन बफेट कहते हैं एक व्यक्ति के जीवन में 20 से 30 ट्रेड की काफी होती है जो उसको इच्छा रिटर्न प्रदान कर सकती है।
कम दाम में खरीदे ऊंचे दामों पर सेल करें (Buy at low prices and sell at high prices)
दुनिया के सबसे बड़े शेयर मार्केट विद्वान वारेन बफेट द्वारा वैल्यू इन्वेस्टिंग के नियम में यह भी एक महत्वपूर्ण नियम है। जब शेयर कम दामों पर मिल रहे हैं तब उन्हें खरीद लेना चाहिए और समय आने पर जब उनके दाम अच्छे मिलने लगे तब उन्हें बेच देना चाहिए । परंतु एक आम निवेशक इस फार्मूले पर काम नहीं कर पाता उसकी भावनाएं ,उसकी पैसा कमाने की जिज्ञासा उसको यह नहीं करने देती है।
और वह इसके विपरीत चलता है । जब बाजार में तेजी होती है तो सभी तरह एक पॉजिटिव माहौल बनता है जिसके चलते आम निवेशक माहौल के अनुसार शेयरखरीद लेते हैं परंतु वह यह नहीं जानते कि यह ट्रेंड अब खत्म होने वाला है। इस माहौल के कारण एक आम निवेशक अधिक दामों पर शेयर को खरीद लेता है । और बाद में नुकसान के डर से उन्हें कम दामों पर बेचदेता है।
भेड़ चाल ना चले (Mob Mentality)
वारेन बफेट का मानना है कि जब बाजार में बहुत अधिक निवेश किया जा रहा हो या जब भीड़ मार्केट को ऊपर ले जा रही हो तब उसके साथ नहीं चले। अपितु अच्छी कंपनियों के शेयर में निवेश करें । किसी भी कंपनी से तब दूरी बना लेना चाहिए जब उसमें भीड़ निवेश करने लगे यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो निश्चित ही नुकसान में रहेंगे । क्योंकि शेयर मार्केट में भीड़ का अनुसरण करने वाले और भेड़ चाल चलने वाले कभी सफल नहीं होते।
भावनाओं से नहीं विवेक से काम ले (Act with discretion, not with feelings)
शेयर मार्केट में जिसने अपनी भावनाओं पर नियंत्रण पा लिया वह यहां पर राज करता है । परंतु एक आम निवेशक यह नहीं कर सकता क्योंकि मन में भय और लालच की भावनाएं इतनी ज्यादा मजबूत होती है कि वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं पा सकता । जब एक आम निवेशक शेयर मार्केट को ऊपर जाते हुए देखता है तो वहां शेयर की खरीदी करता है । और वह सोचता है कि शेयरों की कीमत और अधिक बढ़ेगी जिस पर मैं अपने शेयर बेचूंगा । परंतु निवेशक को अपने शेयर बहुत अधिक दाम के लिए होल्ड नहीं करना चाहिए उसे मुनाफा मिलने पर तुरंत निकाल देना चाहिए।
टिप्स से बचें अपने विवेक से निर्णय लें (Tips to Avoid Decide at your discretion)
शेयर मार्केट में टिप्स आपको खैरात में मिलने वाली ऐसी चीज है जो आपको नुकसान दे सकती है । टिप्स शेयर मार्केट में ब्रोकर और उसके आसपास जो अपना धंधा करते हैं। वह आपको टिप्स देकर अपना धंधा तो चला लेते हैं परंतु निवेशक का क्या होगा उन्हें कोई मतलब नहीं ।जब भी आप निवेश करना चाहिए चाहे तो स्वयं शेयर का एनालिसिस जरूर करें और कंपनी के फंडामेंटल को भी महत्त्व दें । उसके पश्चात ही आप निवेश करें ना कि किसी टिप्स पर निर्भर रहें।
तेजी और मंदी दोनों का लाभ उठाएं (Take advantage of both the boom and the recession)
शेयर बाजार में कोई भी दौर ज्यादा लंबे समय तक नहीं चलता । नाही तेजी का दौर लंबे समय तक होता है और ना ही मंदी का दौर । शेयर बाजार में तेजी और मंदी आती रहती है । जिसका फायदा निवेशक को उठाना चाहिए किसी शेयर के दाम यदि अचानक से गिर जाए तो निवेशक को घबराना नहीं चाहिए उसके लिए उसे कुछ इंतजार करना चाहिए ।
और जब तेजी का दौर हो तो शेयर बेच देने चाहिए। जब बाजार में तेजी का दौर आता है तो सभी लोग शेयर को खरीदने की होड़ में लग जाते हैं । और जब शेयर के दाम गिरने लगते हैं या मंदी का दौर होता है तो उनके पास शेयर खरीदने के पैसे ही नहीं बचते हैं ।
अधिकतम मूल्य का इंतजार ना करें (Don’t wait for the maximum price)
अधिकतर निवेशक यह सोचते हैं कि शेयर का सबसे ज्यादा दाम जब मिलेगा तब उसे बेचुंगा परंतु शेयर की कीमत जब ऊपर जाती है । तो आप एकदम से नीचे आ जाती है । जिससे कि निवेशक को बेचने का समय नहीं मिल पाता है और वह केवल आंशिक लाभ कमा पाता है ।इसलिए कभी भी अधिकतम दाम का इंतजार ना करें और अच्छा मुनाफा देख कर अपने शेयरों को बेच दे।
रोजाना अपने शेयर का प्रॉफिट लॉस ना देखें (Do not see your stock’s profit loss daily)
छोटे निवेशक अपने निवेश किए गए शेयर का प्रॉफिट लॉस रोज देखते हैं। जिससे कि वह भावनाओं में बह जाते हैं । परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए निवेशक को एक निश्चित समय अवधि में अपने शेयर देखना चाहिए। रोज-रोज अपने शेयर के नफे नुकसान को देखकर शेयर धारक दुखी और सुखी होता रहता है।
परंतु यह चीजें केवल मार्केट की गति, अफवाहें, सरकारी फेरबदल इस वजह से होती है। एक अच्छा निवेशक एक निश्चित समय में अपने शेयर का आकलन करता है । और प्रॉफिट मिलने पर बेच देता है।
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