डेरिवेटिव मार्केट और इसका महत्व (Derivatives Market and Its Importance)

May 24, 2021
डेरिवेटिव मार्केट और इसका महत्व (Derivatives Market and Its Importance)डेरिवेटिव मार्केट और इसका महत्व (Derivatives Market and Its Importance)

पूरे विश्व में शेयर मार्केट और इसके स्पैक्यूलेशन (Speculation) के विभिन्न तरीके हैं । शेयर बाजार में निवेशकों को बंधन (bondage) का सामना करना पड़ता है।  शेयर मार्केट में निवेशक के पास उपलब्ध धन के हिसाब से वह काफी सीमित काम कर सकता है । लेकिन डेरिवेटिव मार्केट में वह असीमित खरीद-फरोख्त (Unlimited trading) कर सकता है।

शेयर मार्केट के बंधन से मुक्त होने के लिए इस प्रकार का तरीका इजाद हुआ।  जिसको की डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) कहते हैं। इसमें निवेशक अपने धन की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में निवेश कर सकता है .

परिभाषा – डेरिवेटिव वह वित्तीय सोदे हैं ,जिनकी कीमत किसी अन्य ऐसेट पर आधारित होती है।  किसी भी डेरिवेटिव सोदे का मूल्य उसके अंतर्निहित ऐसेट के मूल्य के अनुसार निर्देशित होती है। अर्थात किसी भी समय किसी भी डेरिवेटिव सोदे में शामिल निवेशक का नफा नुकसान इस अंतर्निहित ऐसेट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

डेरिवेटिव का महत्व (Importance of derivatives)

बाजार की बदलती हुई परिस्थितियों और समय डेरिवेटिव (derivatives) को जन्म देती है। डेरिवेटिव (derivatives) में निवेश करने से पहले बाजार को समझना और उसकी स्थिति का आकलन करना काफी ज्यादा जरूरी है। उसके बाद डेरिवेटिव मार्केट में अपनी पोजीशन (position) लेना चाहिए। डेरिवेटिव मार्केट के कुछ महत्व होते हैं, जो शेयरधारकों काफी ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी (Flexibility) प्रदान करते हैं।

फंड मैनेजमेंट (Fund management)

कोई भी निवेशक अपने पैसे को एक अच्छी रणनीति के साथ में निवेश करना चाहता है। और ऐसी जगह निवेश करना चाहता है जो कम समय में काफी अच्छा रिटर्न दे। शेयर मार्केट में जिस प्रकार से निवेशक को पैसा तुरंत देना होता है। वही डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) में ऐसा नहीं है, डेरिवेटिव मार्केट में निवेशक आगामी बाजार के आकलन के अनुसार अपनी पोजीशन ले सकता है। और अधिक मार्जिन पर निवेश कर सकता है।

निवेशक का परिदृश्य जितना ज्यादा होता है ,जोखिम की संभावनाएं भी उतनी ही ज्यादा होती है। डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) में सोदे काफी ज्यादा लिक्विडिटी (Liquidity) लिए हुए होते हैं और निवेशक यहां अपनी पोजीशन काफी तेजी से बदल सकता है।

लीवरेजिंग (Leveraging)

डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह अपने पास उपलब्ध धन से कई अधिक गुना बड़े सौदे (more times bigger deals) की पोजीशन ले सकता है। क्योंकि डेरिवेटिव (derivatives) सौदों में सोदे की कुल कीमत का कुछ ही हिस्सा देना होता है।  इन सौदों के दौरान जो भी लाभ या हानि का हिस्सा होता है वह निवेशक को मिलता है। डेरिवेटिव मार्केट में निवेशक अपने नुकसान की सीमा को देखकर अपने सोदे तय करता है। जिससे कि उसे कई ज्यादा सोदे करने की क्षमता मिलती है।

शॉर्ट टर्म निवेश (Short term investment)

सभी निवेशक का अपना अलग अलग नजरिया होता है जिसमें बहुत सारे निवेशक ऐसे होते हैं। जो कम समय में अधिक लाभ कमाना चाहते हैं। जो कि डेरिवेटिव मार्केट से पॉसिबल है। डेरिवेटिव मार्केट निवेशक को अपनी पोजीशन बदलने की सुविधा उपलब्ध कराता है, जिससे कि वह मार्केट में होने वाले परिवर्तन के अनुसार पोजीशन बदल कर कम समय में अधिक फायदा ले सकता है।

डेरिवेटिव मार्केट और इसका महत्व (Derivatives Market and Its Importance)

हेजिंग(Hedging)

जब कोई निवेशक बाजार में अपने अनुमान के हिसाब से सोदे लगाता है। और उसके अनुमान के अनुसार बाजार विपरीत (opposite) दिशा में जाता है, तब उसके पोर्टफोलियो (portfolio) में ऐसा तत्व होना आवश्यक होता है, जिससे कि वह होने वाले नुकसान को कम कर सके।

डेरिवेटिव में यह गुण होता है।जिससे कि निवेशक बदली हुई परिस्थितियों के अनुसार तुरंत अपनी पोजीशन (position) बदल सकता है। इस प्रकार किए गए पोजीशन में बदलाव को हेजिंग (Hedging) कहते है।

अतिरिक्त चुनाव (Additional selection)

बाजार में अनगिनत निवेशक (countless investors) अलग-अलग माइंडसेट (Mindset) और विषमताओं (inequalities) के साथ होते हैं। इसी प्रकार उनकी निवेश करने की क्षमताएं भी अलग-अलग होती है। ऐसी स्थिति में डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) निवेशकों को अलग-अलग निवेश करने का ऑप्शन प्रदान करता है और निवेशक को अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आमंत्रित करता है।

गतिमान प्रकृति (Moving nature)

डेरिवेटिव मार्केट अपनी गति के लिए जाना जाता है । यहां पर विभिन्न विषयों में अलग-अलग गति होती है। निवेश के परंपरागत तरीके में निश्चित तरीका और निश्चित लक्ष्य निर्धारित होते हैं। वही डेरिवेटिव मार्केट (derivatives market) में निवेशक बाजार की स्थिति का आकलन (estimation) अपनी क्षमताओं के अनुसार करके निवेश करता है। डेरिवेटिव मार्केट का एक बहुत बड़ा विस्तृत क्षेत्र है यहां निवेशक अपने तरीके से निवेश करते हैं । और बाजार को एक गति प्रदान करते हैं जिससे कि डेरिवेटिव मार्केट लगातार गतिमान होता है।

रचनात्मकता (Creativity)

यहां निवेशक केवल बाजार की स्थिति के अनुसार कि पैसा नहीं कमाता। यहां वह अपने रचनात्मकता (creativity) के आधार पर पैसा कमाता है। निवेशक किस प्रकार का आकलन करता है ,वह उसकी रचनात्मकता (creativity) पर निर्भर करता है। डेरिवेटिव मार्केट निवेशक की क्षमता (capacity) को उजागर करके अवसर उपलब्ध कराता है।

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