कैंडलेस्टिक पेटर्न शेयर मार्केट में तकनीकी विश्लेषण का बहुत महत्वपूर्ण घटक है। कैंडलेस्टिक पेटर्न में मुख्यता 3 भाग होते हैं। पहला लो (Low) दूसरा हाय (High) और तीसरा उसका बॉडी (Body) इन तीनों चीजों से मिलकर एक कैंडल बनता है। लो(Low) भाग में उस उस शेयर का लो(Low) प्राइस होता है और हाय (High) वाले भाग में जो ऊपर की तरफ होता है उसमें शेयर का अधिकतम प्राइस होता है। इस बीच जो ट्रेडिंग होती है उससे कैंडल का बॉडी (Body) बनता है।
कैंडलस्टिक पैटर्न (candlestick pattern) का इतिहास
1700 के दशक में जापान में चावल की कीमत के अनुमान लगाने के लिए कैंडलस्टिक की अवधारणा सामने आई। चावल की प्राइस का अनुमान लगाने के लिए मुनेहिसा नामक एक जापानी व्यापारी ने कैंडलस्टिक का उपयोग अपने चावल के व्यापार के लिए किया। उसके बाद से ही इसका प्रचलन बढ़ने लगा और आज यह शेयर बाजार में सबसे ज्यादा प्रचलित है।
कैंडलस्टिक पैटर्न (candlestick pattern) का निर्माण
कैंडलस्टिक (candlestick pattern) सामान्यतः एक बॉडी और उसके दो टेल से बना होता है। लो टेल शेयर के लो प्राइस को दर्शाता है और हाई टेल शेयर (high tail share) के हाई प्राइस (high price) को दर्शाता है। शेष बॉडी के बीच में जो ट्रेडिंग (trading) होती है वह उसे दर्शाता है। मेन बॉडी उस समय का कुल वास्तविक व्यापार होता है जो बॉडी में दिखाया जाता है।
Candlestick pattern बाजार के हाल को बताता है
कैंडलस्टिक पेटर्न (candlestick pattern) बाजार के पूरे हाल को बताते हैं। जब बाजार तेजी में चल रहा होता है तो कैंडल उस प्रकार से पैटर्न का निर्माण करते हैं, और इन्हें बुलिस पैटर्न (bulls pattern) कहा जाता है और जब बाजार मंदी (recession) के दौर में होता है तो कैंडल बियरिस पैटर्न (bearish pattern) का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कैंडल पैटर्न को समझ कर निवेशक मौके का फायदा उठा सकते हैं और बाजार से अच्छा धन कमा सकते हैं।
कैंडलस्टिक पैटर्न को पढ़ने का तरीका (how to read candlestick pattern)
कैंडलस्टिक पैटर्न (candlestick pattern) को पढ़ना इतना ज्यादा इजी (easy) नहीं है, जितना ज्यादा निवेशक समझते हैं। इसे पढ़ने के लिए काफी सूक्ष्म अध्ययन (micro study) की आवश्यकता होती है। जिससे कि सही सही अनुमान लगाया जा सके। कैंडलस्टिक की रियल बॉडी महत्वपूर्ण हिस्सा होती है क्योंकि यह ओपन प्राइस और निश्चित समय की क्लोजिंग प्राइस के बीच का अंतर है।
ओपन प्राइस (open price)
कैंडल (candle) का ऊपर या नीचे का हिस्सा ओपन प्राइस को दर्शाता है। यदि शेयर का ओपनिंग प्राइस opening price, क्लोजिंग प्राइस से अधिक है तो ओपन कैंडल (candle) की बॉडी के ऊपर के हिस्से में होगा। इससे यह पता चलता है कि प्राइस डाउन ट्रेंड में था। इससे कैंडल (candle) लाल या काले रंग का बनता है। यदि शेयर की प्राइस ओपनिंग प्राइस क्लोजिंग प्राइस से कम है तो यह हिस्सा बॉडी के नीचे बनता है। इससे यह पता चलता है की प्राइस Up ट्रेंड था और इससे कैंडल हरा या नीला बनता है।
क्लोजिंग प्राइस(closing price)
क्लोजिंग प्राइस भी कैंडल के ऊपर या नीचे के हिस्से में बनता है। यदि क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस से अधिक है तो यह बॉडी के ऊपर के हिस्से में बनेगा और इससे यह पता चलता है की प्राइस Up ट्रेन में था। कैंडल हरा या नीला बनेगा। यदि क्लोजिंग प्राइस (closing price), ओपनिंग प्राइस से कम हे तो यह कैंडल के नीचे वाले हिस्से में बनेगा। इससे यह पता चलेगा कि प्राइस डाउनट्रेंड था और कैंडल लाल या काला बनेगा।
शैडो (shadow)
शैडो (shadow) कैंडल की रियल बॉडी के ऊपर या नीचे के हिस्से में पतली रेखा है जो हाई प्राइस या लो प्राइस को दर्शाता है।
हाई प्राइस (high price)
यह शेयर का अधितम मूल्य होता है जो एक निश्चित समय के दौरान कैंडल की बॉडी के ऊपर वाले सैड पर दर्शाया जाता है। यदि ओपन और क्लोज की कीमत सर्वाधिक है तो कोई Up Shadow नहीं बनेगा।
लो प्राइस (low price)
निश्चित समय के दौरान लो प्राइस को बॉडी के निचले शैडो (lower shadows) में दर्शाया जाता है। यदि ओपन या क्लोज (open or close) की कीमत न्यूनतम है तो कोई डाउन शैडो नहीं बनेगा।
कैंडलस्टिक पैटर्न के प्रकार
कैंडलस्टिक पेटर्न कई प्रकार के होते हैं। परंतु सामान्यतः इन्हें Bullish या Bearish पैटर्न से समझा जाता है। अलग-अलग प्रकार के कैंडल्स का अलग-अलग मतलब होता है। और यह सभी विशिष्ट गुण (special qualities) लिए होते हैं। सभी पेटर्न्स (patterns) की कुछ ना कुछ खास बात होती है और यह अलग-अलग ट्रेंड को दर्शाते हैं कैंडलेस्टिक पेटर्न एक सिंगल कैंडल से बन सकता है या एक से अधिक कैंडल से बनता है
सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न
- मारूबोज़ू (marubozu)
- डोजी (doji)
- स्पिनिंग टॉप्स (spinning tops)
- हैमर (hammer)
- हैंगिंग मैन (hanging man)
- शूटिंग स्टार (a shooting star)
एक से अधिक कैंडल से बने पैटर्न
- इंगुलफिंग पैटर्न (engulfing pattern)
- बुलिश एंगलफ़ींग (Bullish Engulfing)
- बीयरिश एंगलफ़ींग (bearish Engulfing)
- हारामी (Harami)
- बुलिश हारामी (Bullish Harami)
- बीयरिश हारामी (bearish Harami)
- पियर्सिंग पैटर्न (piercing pattern)
- डार्क क्लाउड कवर (dark cloud cover)
- मॉर्निंग स्टार (morning star)
- इवनिंगस्टार (eveningstar)
तीन बातें जो ध्यान रखना चाहिए
कैंडलेस्टिक पेटर्न का अध्ययन करते समय तीन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए जो इस प्रकार है
- सामान्य तौर पर एक हरी कैंडल मार्केट में तेजी को दर्शाती है। जबकि एक लाल कैंडल मंदी (recession) को दर्शाती है, अर्थात हरे कैंडल के समय खरीदना चाहिए और लाल कैंडल के समय बेचना चाहिए।
- कैंडलेस्टिक पेटर्न का अध्ययन करते समय ध्यान रखें कि कुछ समय के लिए कैंडल बदलते रहते हैं। इसलिए आपको इन पेटर्न्स के साथ में फ्लैक्सिबल होना पड़ेगा और अपने निर्णय लेना होंगे।
- यदि आपको बुलिस चाल लेना है, तो ध्यान रखे पिछला पेर्टन बियरिश होना चाहीये और यदि आपको बियरिश चाल लेना है, तो पिछला पेर्टन बुलिस होना चाहीये।
मारूबोझू (Marubozu )कैंडल
मारूबोझू (Marubozu ) कैंडलस्टिक पैटर्न वह कैंडलस्टिक पैटर्न है जिसका की ना तो ऊपर ही शैडो होता है और ना ही निचला शैडो। मरूबोझू कैंडल सामान्यतः चार्ट में कहीं भी बन सकता है। यह एक बड़ा डार्क कैंडल होता है जो मजबूती से खरीदने या मजबूती से बेचने का सिग्नल देता है। जापानी भाषा में मारूबोज़ू का मतलब होता है– गंजा। मारूबोझू (Marubozu ) कैंडल बुलिश या बेयरिश हो सकता है।
बुलिश मारूबोज़ू (Bullish Marubozu)
बुलिश मारूबोज़ू (Bullish Marubozu) कैंडलस्टिक पैटर्न में ओपन-लो के बराबर होता है, जिससे कि लोअर शैडो नहीं बनती है। और हाई क्लोज के बराबर होता है। जिससे कि अपर कैंडल शैडो नहीं बनता है। इसका मतलब बाजार में खरीदारी बहुत ज्यादा हो रही है और निवेशक शेयर की हर कीमत चुकाने को तैयार है। इस स्कैंडल को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मार्केट बुलिश (Bullish) है और यह ट्रेंड कुछ समय तक ऐसा ही बना रहेगा इसमें बाईंग प्राइस वह होनी चाहिए जो कैंडल की क्लोजिंग प्राइस है।
बुलिश मारूबोज़ू में स्टॉपलॉस
शेयर बाजार में निवेशक को हमेशा स्टॉप लॉस लगा कर रखना चाहिए, जिससे कि यदि बाजार की दिशा विपरीत चलने लगे तो नुकसान से बचा जा सके। बुलिश मारूबोज़ू (Bullish Marubozu) में सबसे नीचे की कीमत पर उसका स्टॉप लॉस लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब बुलिश मारूबोज़ू अपने, low को तोड़ता है तो उस शेयर से बाहर निकल जाना चाहिए।
बेयरिश मारूबोज़ू (Bearish Marubozu)
बेयरिश मारूबोज़ू बाजार में मंदी का सिग्नल देता है, इसका ओपन-हाय के बराबर होता है। और लो उसके बराबर क्लोज के बराबर। इससे यह पता चलता है कि बाजार अब मंदी में जा रहा है, और जितने भी निवेशक है वह भारी मात्रा में बिकवाली कर रहे हैं। यह कैंडल बनने पर शार्ट सेल किया जा सकता है।
बेयरिश मारूबोज़ू में स्टॉपलॉस – शॉर्ट सेल करने के लिए स्टॉप लॉस कैंडल का ओपनिंग प्राइस होना चाहिए या यूं कहें कि कैंडल का टॉप ही स्टॉपलॉस का काम करता है।
स्पिनिंग टॉप (The Spinning Top)
स्पिनिंग टॉप एक ऐसा कैंडलस्टिक पैटर्न है, जिसमे केंडल बॉडी बहुत छोटा होता है और Lower शैडो और Upper शैडो दोनों बराबर होते हैं। यह कैंडल इंटरव्यू एग्जिट का स्पष्ट सिग्नल तो नहीं देता है, परंतु बाजार का हाल जरूर बताता है जिससे कि निवेशक को निवेश करने में आसानी होती है।
मंदी में स्पिनिंग टॉप (Spinning Top) का अर्थ
जब मंदी का दौर चल रहा होता है तो बीयर माल बेचने की नई प्लानिंग कर रहे होते हैं, वही Bull माल खरीदने के लिए रणनीति बना रहे होते हैं। जिससे कि स्पिनिंग टॉप की बॉडी बहुत छोटी बनती है। इसमें या तो बाजार में बिकवाली आएगी या फिर बाजार थोड़ा सा संभालेगा ऐसी स्थिति में आपको दोनों दृष्टिकोण से निवेश की प्लानिंग रखना चाहिए।
तेजी में स्पिनिंग टॉप (Spinning Top) का अर्थ
तेजी में स्पिनिंग टॉप एक असमंजस की स्थिति पैदा करता है जिससे कि जिस में की बुल अपना भरपूर प्रयास कर रहे हैं कि बाजार को और ऊपर ले जाया जाए और बीयर उसे नीचे लाने का प्रयास करते हैं। इस स्थिति से बच कर रहना चाहिए क्योंकि यहां पर बीयर ने प्रवेश कर लिया है और बाजार को नीचे ले जाना चाह रहे हैं परंतु बुल ने अभी दम नहीं तोड़ा है।
दोजी (The Dojis)
दोजी कैंडल बहुत ही छोटा कैंडल होता है जिसका बॉडी नहीं होता है, क्योंकि इसमें ओपन कीमत (Opening price) और क्लोज कीमत (Closing price) बराबर होती है। इसके lower और Upper शैडो कितने भी बड़े हो सकते हैं। दोजी कैंडल भी स्पिनिंग टॉप के तरह काम करता है परंतु इसमें यदि मार्केट Bullish है तो दोजी बनने का अर्थ मार्केट नीचे आएगा और यदि मार्केट Bearish है और दोजी बनता है तो मार्केट ऊपर आएगा। यहां पर थोड़ा फ्लैक्सिबल होना जरूरी है क्योंकि हर बार यह सही नहीं होता है या फिर कैंडल को पहचानने में गलती हो जाती है।
पेपर अंब्रेला (paper umbrella)
पेपर अंब्रेला (paper umbrella) में केंडल की बॉडी छोटी होती है और इसका शैडो बॉडी का दुगने से अधिक होता है। छोटी Upper बॉडी और लोंग शैडो होने के कारण इसे पेपर अंब्रेला कहा जाता है। यह दो तरह के ट्रेंड रिवर्सल सिग्नल देता है। जब यह मंदी के समय बनता है और चार्ट में निचले सिरे पर होता है तो इसे हैमर पैटर्न या Bullish ट्रेंड शुरू होता है और जब बाजार में तेजी होती है और यह ऊपरी सिरे पर बनता है तो मंदी का ट्रेंड शुरू होता है।
हैमर (Hammer)
हैमर एक ट्रेडर को bullish सिग्नल देता है हैमर (Hammer) का बॉडी बहुत छोटा होता है और इसका लोअर शैडो (lower shadow) काफी बड़ा होता है। लोअर शैडो (lower shadow) जितना ज्यादा बड़ा होता है bullish trend उतना ही मजबूत होता है। हैमर (Hammer) में कैंडल का रंग (color) मायने नहीं रखता है यहां पर केवल शैडो रियल बॉडी रेशो (real body ratio) मायने रखता है। जितना ज्यादा बढ़ा शैडो होगा ट्रेंड (Trend) उतना ही अच्छा होगा।
हैंगिंग मैन (hanging man)
जब कभी किसी चार्ट (chart) में ऊपर की तरफ पेपर अंब्रेला (paper umbrella) बनता है, तो इसे हैंगिंग मैन कहा जाता है। यह bearish सिग्नल देता है, और यह बताता है कि अब ट्रेंड बदलने वाला है और बाजार नीचे जाने वाला है। बाजार में बिकवाली के दबाव के चलते इस प्रकार का पैटर्न (pattern) बनता है और ट्रेंड (trend) बदलता है।
शूटिंग स्टार (shooting star)
इस कैंडलस्टिक पैटर्न में कैंडल का बॉडी (candle body) छोटा होता है और इसका अपर शैडो (upper shadow) बॉडी से दुगना होता है। इसमें लोगों से दो लोअर शैडो ना के बराबर होता है। जब इस प्रकार का पैटर्न बनता है, तो बाजार नीचे जाने लगता है इस प्रकार का पैटर्न चार्ट (chart) में ऊपर की ओर बनना जरूरी है।
एनगल्फिंग पैटर्न (The Engulfing Pattern)
Engulf का अर्थ होता है निगलना , यह एक मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न है जिसमे एक केंडल दुसरे केंडल को ढंके हुवे होता है। यह पेर्टन बनने मे दो सेसन लगते है। जिसमे की पहले सेसन मे एक छोटा केंडल बनता है व दुसरे सेसन मे एक बडा केडल बनता है। यह पेर्टन बुलिस (bullish) और बियरिस (bearish) सिग्नल देता है। यदि यह चार्ट (chart) मे निचे की तरफ बनता है तो बुलिस trend होता है और यदि यह उपर की तरफ बनता है तो बियरिस (bearish) सिग्नल देता है।
बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न (The Bullish Engulfing Pattern)
यह पैटर्न (pattern) निचे की तरफ बनता है। इसमे पहले सेसन (session)मे केंडल लाल रंग की होती है और दुसरे सेसन की केडल हरे या निले रंग की होती है। इस पैटर्न मे मार्केट बुलिस होता है और निवेशक खरिदि करते है। यह पैटर्न हमेशा चार्ट (chart) के निचे बनता है तो ही बुलिस (bullish) होता है इसमे पहले सेसन (session) का केडल लाल और छोटा बनता है और दुसरे सेसन (session) का केंडल हरा या निला और छोटे केडल को ढंके हुवे बनता है।
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न (The Bearish Engulfing Pattern
यह पैटर्न चार्ट मे उपर की तरफ बनता है और बेयरिश सिग्नल (bearish signal) देता है। यह पैर्टन शार्ट सेल (short sale) करने वालो के लिये अच्छा माना जाता है। इसमे पहले सेसन (session) का केंडल हरा या निला होता है। व दुसरे सेसन (session) का केंडल का लाल होता है। पहले सेसन (session) का candle दुसरे सेसन के मुकाबले छोटा होता है और दुसरे सेसन (session) का केडल candle पहले सेसन के केडल को ढके (covered) हुवे होता है।
पियर्सिंग पैटर्न (The Piercing Pattern)
पियर्सिंग पैटर्न (The Piercing Pattern) एनगल्फिंग पैटर्न के जैसा ही है। इसमे भी बुलिस व बेयरिस (Bullish and Bearish) सिग्नल मिलता है। इनमे मुख्य अन्तर केवल candle के साइज का है, इस पैटर्न मे दोनो केंडल लगभग एक ही साइज के बनते है।
डार्क क्लाउड कवर (The Dark Cloud Cover)
यह एक बेयरिश पैटर्न (bearish pattern) है। इस पैटर्न मे दोनो केंडल बडे व लगभग बराबर बनते है, एक केंडल छोटा हो सकता है। जिस प्रकार काले बादल (dark clouds) सुरज को पुरा ढक लेते है उसी प्रकार इसमे निला या हरा केंडल लाल केंडल को ढक (covered) लेता है। इस पैटर्न के बनने के बाद trend बेयरिश होता है।
हरामी पैटर्न (The Harami Pattern)
हरामी एक जापानी शब्द है जिसका उपयोग पहले गर्भवती महिलाओं के लिए होता था। जब हम कैंडलस्टिक पैटर्न का अध्ययन करते हैं तो यह पैटर्न एक गर्भवती महिला के जैसा दिखाई देता है। जैसे कि एक बड़ा कैंडल एक छोटे कैंडल को अपने पेट पर चिपकाए हुए हैं। इसमें एक बड़ा कैंडल और एक छोटा कैंडल एक दूसरे के विपरीत रंगो वाला होता है जिससे कि ट्रेंड परिवर्तन का सिग्नल मिलता है यह पैटर्न दो प्रकार का होता है बुलिश हरामी और बेयरिश हरामी।
बुलिश हरामी (The Bullish Harami)
यह एक बुलिश पैटर्न है। बुलिश हरामी पैटर्न भी एनगल्फिंग पैटर्न (Engulfing Pattern) की तरह दो सेसन मे बनता है। जब यह पैटर्न बनता है तो बेयर्स का बाजार मे पुरा नियंत्रण होता है और बाजार निचे कि तरफ जा रहा होता है। तब यह पैटर्न बनता है। इसमे एक गहरा बडा लाल केडल हरे छोटे केंडल को ढके हुवे होता है। जिससे यह पता चलता है कि अब बाजार मे बुल ने इन्ट्री ली है। अब बाजार उपर जाने के लिये तैयार है।
बेयरिश हरामी (The Bearish Harami)
यह पैटर्न चार्ट मे उपर बनता है और बताता है कि अब बुल कमजोर हो गये है। इस प्रकार के पेर्टन मे एक बढा हरा या निला Candle एक लाल छोटे Candle को कवर करता है। बाजार अब निचे जाने वाला है यहां बेयर ने इंट्रि ले ली है और शार्ट trader को मोका मिल गया है। बुल अपना मुनाफा बुक कर के बाजार से निलक रहे