शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस के कई सारे घटक होते हैं जिसमें से एक घटक मूविंग एवरेज (moving average) भी होता है। सामान्यतः मूविंग एवरेज (moving average) का उपयोग सबसे अधिक विश्वसनीयता के तौर पर किया जाता है। जिससे कि निवेशकों को पिछले कुछ दिनों, कुछ महीनों के ट्रेडिंग का एवरेज कैसा रहा यह ज्ञात करने के लिए मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है।
मूविंग एवरेज क्या है (what is moving average) – किसी शेयर के क्लोजिंग प्राइस (closing price) को जोड़कर जिस टाइम पीरियड की गणना करना होती है, उस टाइम की संख्या से इसे विभाजित कर दिया जाता है जिसे कि मूविंग एवरेज कहते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए की 5 लोग आम की दुकान पर आम का लुफ्त ले रहे हैं, और वह एक पूरी टोकरी आम खा जाते हैं । अब कोई छटा व्यक्ति वहां आता है और आम की गुठली से यहां अंदाजा लगाने की कोशिश करता है कि हर व्यक्ति ने कितने आम खाए होंगे। तो सामान्यतः वह एक औसत निकालता है। जिसमें कुल गुठलियों की संख्या और उन व्यक्तियों की संख्या से उसे विभाजित कर देता है।
औसत = गुठलीयो की संख्या/व्यक्तियों की संख्या
=60/5,
=12आम/व्यक्ति
अब यहां औसत (Average) तो निकल आया परंतु प्रति व्यक्ति ने वास्तविक आम कितने खाएं यह नहीं कहा जा सकता इसलिए औसत केवल एक अनुमान है। इसी प्रकार शेयर मार्केट में भी मूविंग एवरेज को इस प्रकार ज्ञात किया जाता है। मान लीजिए 5 दिनों के एवरेज की गणना हम इस प्रकार करेंगे।
तारीख | शेयर की क्लोजिंग प्राइस |
14/07/14 | 344.95 |
15/07/14 | 342.35 |
16/07/14 | 344.2 |
17/07/14 | 344.25 |
18/07/14 | 344 |
कुल | 1719.75 |
= 1719.75 / 5 = 343.95 , इसलिए पिछले 5 कारोबारी दिनों का शेयर का औसत बंद भाव 343.95 है।
सिंपल मूविंग एवरेज (simple moving average)
सिंपल मूविंग एवरेज या SMA एक सामान्य मूविंग एवरेज (moving average) है। जिसकी गणना शेयर के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर उस टाइम पीरियड की कुल संख्या जोड़कर इसे विभाजित कर दिया जाता है। तो सिंपल मूवी एवरेज आ जाता है।
Simple moving average एक टेक्निकल इंडिकेटर है। जिसे एक लाइन द्वारा दर्शाया जाता है और इसे सीधे शेयर प्राइस पर प्लॉट किया जाता ह। निवेशक की पसंद के अनुसार, simple moving average इंडिकेटर में पीरियड को बदला जा सकता है। शॉर्ट-टर्म simple moving average के लिए, हम 5, 9, 13 इत्यादि का उपयोग कर सकते हैं। मीडियम-टर्म के लिए 20, 34, 50 और लॉन्ग-टर्म के लिए 100, 200 का उपयोग किया जा सकता है।
वेटेड मूविंग एवरेज (weighted moving average)
Weighted moving average में लेटेस्ट प्राइस को अधिक महत्व या वेटेज दिया जाता है। इसलिए इसे वेटेज मूविंग एवरेज कहा जाता है। वेटेड मूविंग एवरेज (weighted moving average) में वर्तमान प्राइस एक्शन पर अधिक ध्यान दिया जाता है, और सिंपल मूविंग एवरेज (simple moving average) में लास्ट प्राइस पर ध्यान दिया जाता है। कई बार निवेशकों को ऐसा लगता है कि केवल ओपनिंग प्राइस ज क्लोजिंग प्राइस ही पर्याप्त नहीं होता। इसके साथ लेटेस्ट प्राइस को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसी से वेटेड मूविंग एवरेज (weighted moving average) की अवधारणा सामने आई।
मान लीजिये हम किसी शेयर प्राइस के 9 पीरियड weighted moving average की गणना करना चाहते है। फिर हाल ही की कीमत को पिछली कीमतों की तुलना में अधिक महत्व मिलेगा। इस प्रकार, अंतिम दिन की कीमत (9 पीरियड के पहले) को न्यूनतम वेटेज मिलेगा। पीरियड weighted moving average की गणना-
Weighted moving average = (P1 * 9) + (P2 * 8) + (P3 * 7) +……. + (P9 * 1) / (9 + 8 + 7 + 6 + 5 + 4+ 3 + 2 + 1)
जहाँ,
P1 = शेयर की हाल ही की कीमत
P2 = एक दिन पहले की कीमत
P3 = दो दिन पहले की कीमत इत्यादि
एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज (exponential moving average)
एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज भी वेटेज मूविंग एवरेज (weighted moving average) के समान ही है इसमें भी वर्तमान कीमत को अधिक वेटेज दिया जाता है। इसे सीधे कीमत के ऊपर ही प्लॉट किया जाता है। इसमें एक कीमत से दूसरी कीमत की घटती दर एक जैसी नहीं होती है कीमतें इसमें काफी तेजी से घट जाती है। EMA की गणना के लिए तीन चरणों की आवश्यकता होती है।
1> SMA को खोजना
2> वेटिंग मल्टीप्लायर की गणना
3> EMA को खोजना
इसके लिए, SMA = (क्लोजिंग प्राइस का योग) / टाइम पीरियड की संख्या
वेटिंग मल्टीप्लायर = (2 / (टाइम पीरियड + 1))
और फिर,
EMA – क्लोजिंग प्राइस – EMA (पिछला दिन)) x वेटिंग मल्टीप्लायर + EMA (पिछला दिन)
200 डे मूविंग ऐवरेज (200 DMA)
शेयर बाजार में साल की सभी छुट्टियां (Holidays) हटाने के बाद में ट्रेडिंग के जो दिन बचते हैं वह लगभग 200 दिन ही होते हैं। इन 200 दिनों का मूविंग एवरेज (moving average) ही 200 DMA कहलाता है। लॉन्ग टर्म के लिए निवेशक 200 डीएमए का उपयोग करते हैं। क्योंकि यह पूरे साल का एक बड़ा आंकड़ा है। किसी इंडेक्स या शेयर share) के 200 डीएमए का नीचे आने का मतलब यह एक लॉन्ग टर्म डाउन ट्रेन बनाता है। और यदि 200 डीएमए के ऊपर चार्ट जाता है तो यह एक UP ट्रेंड का निर्माण करता है। 200 DMA एक बड़ा सपोर्ट लेवल (support level) माना जाता है।
5-9 दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज
यह एक शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज है, जिसमें 5 और 9 दिनों का मूविंग एवरेज निकाला जाता है। यह निवेशक को अच्छे एंट्री और एग्जिट सिग्नल देता है। यदि EMA 5 EMA 9 को नीचे से पार करता है तो एक पॉजिटिव क्रॉस ओवर (positive cross over) सिग्नल बनता है। और इसके अनुसार, खरीदी की पोजीशन ली जा सकती हैं और जब 5 EMA 9 EMA को ऊपर से पार करता है, तब ठीक इसका विपरीत होता है। इस क्रॉसओवर को नेगेटिव क्रॉस ओवर (negative cross over) नाम दिया गया है।और इस सिग्नल के आधार पर ट्रेडर एक छोटी पोजीशन ले सकता है।
50-दिन, 100-दिनऔर 200-दिन की मूविंग एवरेज मैं अंतर
सामान्यता तीनों में समय अवधि का मुख्य अंतर है। क्योंकि शॉर्ट टर्म के लिए 50 दिन का मूविंग एवरेज (moving average) बेहतर माना जाता है। वही लॉन्ग टर्म के लिए 100 और 200 दिन का मूविंग एवरेज अच्छा माना जाता है। यदि तीनों को एक साथ उपयोग किया जाए और तकनीकी विश्लेषण किया जाए तो 50SMA वाली लाइन के ऊपर ट्रेड लेना एक बेहतर निर्णय होगा, क्योंकि इसके ऊपर काफी अच्छा सपोर्ट लेवल माना जाता है जो कि एक सेफ लेवल होता है।
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